बीकानेरPublished: Oct 17, 2023 02:49:21 am
शैलजा के साथ भी धक्का-मुक्की हुई। उनके साथ हुए व्यवहार की शिकायत केन्द्रीय नेतृत्व तक पहुंच गई थी। शिकायत को गंभीर मानते हुए तत्कालीन आलाकमान के निर्देश पर डॉ. कल्ला को निलंबित कर दिया गया। वे निलंबन काल में ही थे कि इधर चुनावों के दिन नजदीक आ गए। अब कांग्रेस के सामने दूसरी तरह का संकट खड़ा था।
…जब मजबूरी ऐसी हो गई कि निलंबित नेता जी को ही देना पड़ा था टिकट
बीकानेर. जीयो और जीने दो की शांतिप्रिय नीति में विश्वास रखने वाले बीकानेर शहर को भी एक समय राजनीतिक उठापटक ने ऐसा जकड़ लिया था कि वह हो गया, जैसा किसी ने सोचा भी नहीं था। कम से कम बीकानेर संभाग की राजनीति की समझ रखने वालों के लिए तो यह कुछ ऐसा था, जो अनहोनी की श्रेणी में ही आ रहा था। बात हो रही है 1998 में हुए विधानसभा चुनाव की। मौजूदा विधायक और मंत्री डॉ. कल्ला उस समय भी कांग्रेस टिकट के मजबूत दावेदार थे। उसी दौरान कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा विधानसभा चुनावों के टिकट को लेकर बीकानेर प्रभारी बन कर आईं। सर्किट हाउस में शैलजा ने कांग्रेस के सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से टिकट को लेकर बातचीत की।
By News Portal
KCT NEWS – …When Compulsion Became Such That Suspended Leader Had Got Ticket | …जब मजबूरी ऐसी हो गई कि निलंबित नेता जी को ही देना पड़ा था टिकट – New Update