वर्तमान में पिछोला का जल स्तर 6.9 फीट है, जिसके पूरा भरने पर 9 फीट से ऊपर होगा। इसकी कुल भराव क्षमता 483 एमसीएफटी है, जबकि वर्तमान में 320 एमसीएफटी पानी है। बांधों का पानी समाने की स्थिति में पिछोला का गेज रात को ही बढऩे लगा, जो गुरुवार शाम तक तेजी पर दिखाई देगा। पिछोला के लबालब होने पर पानी फतहसागर में छोड़ा जाएगा। ऐसे में मानसून में छलकी झीलें आठ माह बाद फिर लबालब होंगी, जो गर्मियों में उदयपुर का कंठ तर करेगी। इस साल 100 क्यूसेक (क्यूबिक फीट प्रति सेकंड) पानी छोड़ा जाना तय किया गया है।
शहर में बढ़ रही पेयजल डिमांड: वर्तमान में शहर में पेयजल की डिमांड 138 एमएलडी है, जबकि करीब 102 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है। गर्मी बढऩे के साथ ही शहर की पेयजल डिमांड भी तेजी से बढ़ रही है। शहर की पेयजल मांग की पूर्ति के लिए देवास प्रथम, देवास द्वितीय के अलसीगढ़ और मादड़ी बांध से पिछोला और फतहसागर झील में पानी छोड़ा जाता रहा है।
30 किमी दूरी है मादड़ी से पिछोला की 20 किमी दूरी है अलसीगढ़ से पिछोला की 08 किमी दूरी है नान्देश्वर से पिछोला की 11 किमी लम्बी है आकोदड़ा बांध की टनल
सुबह 10.30 बजे नान्देश्वर चेनल के गेट खोले गए, जिसके पानी ने सूखी पड़ी सिसारमा नदी को तर किया। नान्देश्वर चेनल का उपयोग बाढ़ नियंत्रण के लिए होता है। दोपहर 12.30 बजे देवास प्रथम के बांध अलसीगढ़ के गेट खोले गए, जिसका पानी नान्देश्वर चेनल में पहुंचा, जहां से पानी को पिछोला के लिए छोड़ा गया।
दोपहर 02 बजे देवास द्वितीय के मादड़ी बांध के गेट खोले गए, जिसका पानी टनल और अमरजोक नदी, बूझड़ा होते हुए सिसारमा में समाया।
Video…गर्मी में शहर के पेयजल बंदोबस्त के लिए ऊपरी बांधों से छोड़ा गया पानी | Udaipur – New Update
Credit : Rajasthan Patrika