राजमहल का प्रवेश द्रार नगर के बीचों-बीच राजमल के प्रवेश द्वार पर स्थित राजमहल के कंवरपदा महल स्थित है, जिसका राजमहल प्रांगण तक विस्तार है । लंबे समय से कंवरपदा महल हिस्सा जर्जर हो रहा है । अन्य महलों की तरह इसके भी धराशायी होने की आशंका है है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। कंवरपदा महल को संरक्षण की दरकार है। बता दें कि पूर्व में एक हिस्सा गिरने से प्रशासन ने वहां से विद्यालय स्थानान्तरित कर दिया था । नगर वासियों के अनुसार पूर्व में महल के निचले वाले हिस्से में भयानक आग लग गई थी। प्राचीन विरासत मूल स्वरूप में पर्यटकों को दिखे
राज्य सरकार एवं पर्यटन विभाग की ओर से जर्जर महल का जीर्णोद्धार करके महल के अंदर कांच की जड़ाई, पक्षियों के चित्र, नक्काशी, भित्ति चित्र व गुंबद इस महल के स्थापत्य के जिंदा नमूने मौजूद है, जो इतिहास की जानकारी दर्शाते हैं। उन्हें मूल स्वरूप में लाकर पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है ।
परिसर में विद्यालय मौजूद हाड़ी रानी महल परिसर में बालिका राजकीय एवं विद्या निकेतन विद्यालय मौजूद है, इसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थी अध्ययनरत हैं तथा इस परिसर में सामाजिक ,राजनीतिक, धार्मिक आयोजन समय-समय पर होते रहे हैं। समय रहते जर्जर महल का जीर्णोद्धार अगर नहीं हुआ तो ऐतिहासिक महल के ढहने के साथ आवाजाही के दौरान बड़े हादसे से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। नगर वासी एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा इस महल के जीर्णोद्धार को लेकर कई बार मांग उठाई गई, लेकिन इस महल का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया। यहां तक कि नगर वासियों ने भामाशाहों के माध्यम कुछ मरम्मत का कार्य भी करवाया, लेकिन बजट के अभाव में पूर्ण रूप से महल का संरक्षण नहीं पाया।
पर्यटन दृष्टि से विकसित करना जरूरी राज्य सरकार महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट की तर्ज पर हाड़ी रानी महल का कायाकल्प करके पर्यटन की दृष्टि से विकसित करती है तो सलूम्बर जिला मुख्यालय पर पर्यटक बढ़ सकते हैं।
संरक्षित स्मारक घोषित लेकिन बजट का अभाव— उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती सरकार ने इसे संरक्षित स्मारक घोषित तो कर दिया परन्तु बजट जारी नहीं किया गया । वर्तमान में ओंकार सिंह लखावत धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति संस्थान के अध्यक्ष बने हैं, उनसे क्षेत्र वासियों को उम्मीद है कि फिर वो इन महलों की सुध लेंगे क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में इन महलों के सात गोखड़ा महल का संरक्षण कर पैनोरमा विकसित किया, जिसमें महल में भित्ति चित्र निर्माण के साथ हाड़ी रानी की विभिन्न प्रतिमाओं को स्थापित भी किया गया था।
इनका कहना है सबसे पहले कंवरपदा के जर्जर महल का जीर्णोद्धार कर हाड़ी रानी महल को संरक्षित करना होगा। – डॉ विमला भंडारी, साहित्यकार व इतिहासकार हाड़ी रानी का इतिहास अपने आप में विश्व पटल पर सबसे भिन्न है, जिसमें एक वीरांगना राष्ट्र की रक्षा के लिए स्वयं के शीश का दान करती है परंतु दुर्भाग्य है कि हाड़ी रानी का जो महल उनके बलिदान के साक्षी रूप में आज विद्यमान है, वह जर्जर होकर गिरने की स्थिति में है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि इन महलों का संरक्षण करें एवं उदयपुर, जयसमंद व सलूम्बर को पर्यटन की दृष्टि से जोड़ते हुए इसे फिर से ऐतिहासिक पहचान दिलाएं एवं क्षेत्र में रोजगार विकसित करें।
धर्मेंद्र शर्मा, सदस्य, उपखंड स्तरीय पर्यटन समिति, सलूम्बर कंवरपदा महल सहित सम्पूर्ण हाड़ी रानी राजमहल के जीर्णोद्धार के लिए पूर्व में करीब 60 लाख के अनुमानित बजट का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था।
– सुरेंद्र बी पाटीदार, उपखंड अधिकारी एवं उपखंड स्तरीय पर्यटन समिति अध्यक्ष, सलूंबर
udaipur local news | विकसित हो सलूम्बर का हाड़ी रानी राजमहल – New Update
Credit : Rajasthan Patrika