जयपुरPublished: Oct 18, 2023 02:12:45 am
हाईकोर्ट ने जमानत प्रार्थना पत्र मंजूर करने से इनकार करते हुए कहा
Rajasthan High Court
जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 2008 में जयपुर में सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद जिंदा बम मिलने के मामले में नाबालिग आरोपी को जमानत पर छोडने का आदेश देने ने इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि गंभीर अपराध में शामिल होने के आरोपों के कारण जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता, क्योंकि आरोपी पुन: आतंकियों के संपर्क में आ सकता है।
न्यायाधीश अशोक कुमार जैन ने नाबालिग आरोपी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। जमानत याचिका में किशोर न्याय बोर्ड व जयपुर महानगर के जिला एवं सत्र न्यायालय के आदेशों को चुनौती देते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने जयपुर बम ब्लास्ट केस में याचिकाकर्ता को दोषमुक्त कर दिया और उसे घटना के समय नाबालिग माना जा चुका है। उल्लेखनीय है कि 13 मई 2008 को जयपुर में सिलसिलेवार धमाके हुए, चांदपोल हनुमान मंदिर के पास एक बम जिंदा मिला था। इस मामले में मोहम्मद सरवर आजमी, सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, शाहबाज हुसैन और अन्य में से शाहबाज को बरी किया गया, शेष आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने सभी को बरी कर दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार व अन्य की अपील लंबित है।
no bail in live bomb case | जिंदा बम मामला: जमानत दी, तो फिर मिल सकता है आतंकियों से – New Update
Credit : Rajasthan Patrika