क्यों होता है लीप वर्ष
पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में 365.242190 दिन लगते हैं, जबकि एक कैलेंडर वर्ष में 365 दिन होते हैं। शेष 0.242190 दिन या 5 घंटे 48 मिनट और 56 सेकंड को समायोजित करने के लिए चार वर्ष में एक दिन बढ़ाया जाता है, जिसे लीप वर्ष कहते हैं। चार से विभाज्य वर्षों में लीप वर्ष होता है।
क्यों जरूरी है
इस अतिरिक्त अवधि को समायोजित नहीं करने से मौसम चक्र बदल जाएगा, ऋतुएं बदल जाएंगी। लीप वर्ष नहीं होने से करीब 600-700 वर्ष में गर्मियां नवंबर-दिसंबर में होंगी, क्रिसमस गर्मियों में आने लगेगा और फसलों का चक्र बदलने से खाद्य शृंखला प्रभावित होगी।
हमेशा चार वर्ष में नहीं होता लीप वर्ष
हर चार वर्ष में एक लीप वर्ष हमेशा नहीं होता। नियमानुसार 100 के अंक से भाग होने वाले वर्ष यदि 400 अंक से भी विभाजित होते हैं तो लीप वर्ष होगा। मसलन, वर्ष 2000 लीप वर्ष था, लेकिन 1700, 1800, 1900 लीप वर्ष नहीं थे। 2100 भी नहीं होगा।
लीप ईयर को लेकर धारणाएं
-कुछ देशों में 29 फरवरी को पैदा होने वाले लोगों को लीपर या लीपिंग कहते हैं।
-इटली में माना जाता है कि लीप ईयर में महिलाओं का व्यवहार खराब हो जाता है।
-ग्रीस में लोग लीप ईयर में शादी करने से बचते हैं।
-डेनमार्क में माना जाता है कि अगर लीप ईयर में कोई पुरुष महिला को ठुकराता है तो उसे 12 जोड़े ग्लव्स उपहार में देने पड़ते हैं।
आलंपिक ईयर
लीप ईयर को खेल की दुनिया में आलंपिक ईयर भी कहा जाता है, क्योंकि आलंपिक भी हर चार साल बाद होते हैं। कुछ रोचक तथ्य
-यदि लीप वर्ष नहीं हों तो 100 वर्ष बाद हम 25 दिन आगे निकल जाएंगे।
-एक अनुमान के मुताबिक दुनिया में सिर्फ 0.07 फीसदी लोग ही 29 फरवरी को पैदा होते हैं।
-चीन में हर तीन वर्ष में लीप ईयर आता है।
-यहूदी लीप ईयर 13 महीने का होता है।
LEAP YEAR : लीप वर्ष नहीं होता तो मौसम का चक्र बदल जाता, नवंबर में होती गर्मी | If there was no leap year, the weather cycle would have changed. – New Update
Credit : Rajasthan Patrika