जयपुरPublished: Oct 20, 2023 03:15:45 pm
मैं अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। जब मैं बेहद छोटी थी, तभी पिता गुजर गए। मां ने पाला, लेकिन कभी मैंने अपने परिवार में बेटियों के साथ भेदभाव नहीं देखा। जब डॉक्टरी के पेशे में आई तो यहां बिटिया के जन्म पर लोगों की जो प्रतिक्रिया होती थी, उसे देखकर मन बड़ा विचलित होता था।
women empowerment
बिटिया के जन्म पर लोगों की प्रतिक्रिया देख मन विचलित होता था
डॉ. शिप्रा धर
संडे गेस्ट एडिटर
मैं अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। जब मैं बेहद छोटी थी, तभी पिता गुजर गए। मां ने पाला, लेकिन कभी मैंने अपने परिवार में बेटियों के साथ भेदभाव नहीं देखा। जब डॉक्टरी के पेशे में आई तो यहां बिटिया के जन्म पर लोगों की जो प्रतिक्रिया होती थी, उसे देखकर मन बड़ा विचलित होता था। उसके बाद मैंने और पति ने फैसला लिया कि अस्पताल में बिटिया के जन्म पर हम कोई शुल्क नहीं लेंगे। साल 2014 से हम अस्पताल में प्रसव पर शुल्क नहीं ले रहे।
अपनी बिटिया को भी आपकी तरह बनाएंगे –
धीरे-धीरे लोगों की सोच में बदलाव आने लगा। बिटिया होने पर कई लोग अब मेरे पास खुशी-खुशी आते हैं और कहते हैं कि आप समाज के लिए इतना बड़ा काम कर रही हैं, हम भी अपनी बिटिया को पढ़ा-लिखाकर आपकी तरह बनाएंगे। मेरे लिए उनके यह शब्द प्रोत्साहन का काम करते हैं।
I was disturbed to see people’s reaction on the birth of my daughter | बिटिया के जन्म पर लोगों की प्रतिक्रिया देख मन विचलित होता था – New Update
Credit : Rajasthan Patrika