बीकानेरPublished: Jan 23, 2024 03:14:18 am
जैसे ही अयोध्या में श्रीरामलला विराजमान की प्राण प्रतिष्ठा हुई, जैसे नजारा ही बदल गया। भाव-विह्वल लोग। जयकारे। … मेरे केसरी के लाल, रामजी से कह देना जय सियाराम आदि गीत वातावरण में गूंजते रहे। सुर-ताल जैसे सब अ²श्य हाथों के अधीन था।
भावों से भरा ह्रदय, अश्रु की बही धार…अयोध्या यहीं साकार
22 जनवरी 2024 का दिन… इस दिन ने एक ही सूत्र से तीन पीढिय़ों को जोड़ा। एक पीढ़ी जिसकी आंखों में श्रीरामलला विराजमान के सिर पर अपनी छत का सपना था। अगली पीढ़ी, जो इस सपने को साकार होते देख रही थी । और भविष्य जो अपनी तोतली जिह्वा से ही राम संकीर्तन में लीन था। जैसे ही अयोध्या में श्रीरामलला विराजमान की प्राण प्रतिष्ठा हुई, जैसे नजारा ही बदल गया। भाव-विह्वल लोग। जयकारे। … मेरे केसरी के लाल, रामजी से कह देना जय सियाराम आदि गीत वातावरण में गूंजते रहे। सुर-ताल जैसे सब अ²श्य हाथों के अधीन था।
Heart full of emotions, flow of tears…Ayodhya comes true here | भावों से भरा ह्रदय, अश्रु की बही धार…अयोध्या यहीं साकार – New Update
Credit : Rajasthan Patrika