अलवरPublished: Dec 16, 2023 12:39:37 am
सुबह-शाम ठंड, पर दिन में धूप में दिख रही तेजी
तापमान में उतार-चढ़ाव से सरसों की फसल में रोग की आशंका
गोविन्दगढ क्षेत्र के तापमान में उतार-चढ़ाव होने एवं सुबह-शाम ठंड तथा दिन में धूप में तेजी होने से किसान सरसों की लहलहाती फसल में रोग को लेकर आशंकित हैं।
किसानों का कहना है कि ङ्क्षसचित क्षेत्र में सरसों की फसल लहलहाने लगी है। सरसों में पीले फूल खिल रहे हैं। जिससे दूर से खेत पीली चादर ओढ़े नजर आते हैं। फसल में बढ़वार के साथ खेतों में खरपतवार भी बढऩे तथा मौसम में काफी समय से हो रहे बदलाव के कारण सरसों की फसल में रोग होने की आशंका बढ़ती जा रही है।
पत्तों पर पड़ रह काले धब्बे
किसानों के अनुसार सरसों के पत्तों पर काले धब्बे नजर आ रहे हैं। किसान करण खटाना आदि ने बताया इस रोग की जकड़ में आने वाला पौधा नष्ट हो जाता है। भूमि का जल अत्यधिक खारा होने की वजह से ङ्क्षसचाई का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। फसल में खरपतवार निकालने के साथ हल्की ङ्क्षसचाई भी जारी है, ताकि फसल में परिवर्तन हो सके। किसानों ने बताया कि मानसूनी बरसात इस बार कम होने से जल स्रोत रिचार्ज नहीं हो पाए। मौसम की बेरुखी की मार किसानों की फसल पर दिख रही है। न्यूनतम तापमान के साथ कोहरा नहीं छाने के कारण अब सरसों की फसल में रोग ङ्क्षचता का कारण बना हुआ है। क्षेत्र में सर्दी का कम होना एवं दिन में धूप ज्यादा रहना ही सरसों की फसल के लिए घातक है। अगर समय रहते तेज सर्दी कोहरा एवं पश्चिमी विक्षोभ से होने वाली मावठ हो जाती है तो फसलों में रोगों का खतरा कम होने के साथ इसमें ग्रोथ व उत्पादन अच्छा होगा। इधर कृषि विभाग के अधिकारियों का भी कहना है कि सरसों की फसल में बादल छाने पर मोयला आदि कीट लगने की संभावना बन जाती है। मावठ होने पर फसल में लगा सभी तरह का रोग व कीट धुल जाते हैं और फसल में अच्छा उत्पादन होता है। कृषि अधिकारियों के अनुसार कीटनाशक दवा छिडक़ाव के साथ फसल की ङ्क्षसचाई आवश्यक है।
Fear of disease in mustard crop due to temperature fluctuations | तापमान में उतार-चढ़ाव से सरसों की फसल में रोग की आशंका – New Update
Credit : Rajasthan Patrika