बीकानेरPublished: Nov 19, 2023 02:26:38 am
उस समय कोलायत से माणिक चंद सुराणा और बीकानेर शहर से मुरलीधर व्यास विधायक थे। दोनों सोशलिस्ट पार्टी से विधायक थे और खान मजदूरों के नेता भी थे। दोनों विधायकों ने जामसर में सभा नहीं करने देने का ऐलान कर दिया। सभा कराने और नहीं कराने को लेकर सुखाडि़या और समाजवादी विधायकों में अदावत हो गई।
चुनावी किस्सा… जब सुखाड़िया की टोपी पर जिप्सम डाल जताया विरोध और चलने लगी थी पुलिस की लाठियां
अकूत खनिज सम्पदा वाले बीकानेर जिले में सालों पहले भी जिप्सम चुनावी मुद्दा रहता था। आज भी जिप्सम चुनाव के केन्द्र में रहता है। बस फर्क इतना है तब जिप्सम खनन में लगे मजदूर शोषण के खिलाफ आवाज उठाते थे, अब खनन माफिया को नेताओं का संरक्षण मुद्दा बनता है। बीकानेर शहर से थोड़ी दूरी पर जामसर क्षेत्र में जिप्सम का खनन होता था। आज की तरह भीमकाय मशीनों से जिप्सम खोदकर डम्परों में भरकर परिवहन नहीं होता था। तब मजदूर फावड़ों से खोदकर जिप्सम निकालते और बेलगाड़ी में भरकर रेलवे के रैक में डालते थे। उस समय खान मजदूरों की यूनियन बहुत मजबूत होती थी।
Election story… When Gypsum Was Put On Sukhadiya’s Cap | चुनावी किस्सा… जब सुखाड़िया की टोपी पर जिप्सम डाल जताया विरोध और चलने लगी थी पुलिस की लाठियां – New Update
Credit : Rajasthan Patrika