धैर्य की परीक्षा ना ले सरकार
मंच से समाज के वरिष्ठ जनों ने कहा कि आज भी समाज के युवाओं ने जबरदस्ती पटरी पर जाने की प्रयास किया, लेकिन समाज के बुजुर्गो ने समझा कर युवाओं को पटरी पर जाने से रोका। केंद्र सरकार की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा। अब तो अति हो गई है। सरकार जाट समाज की धैर्य की परीक्षा न ले। जाट समाज अपनी समझदारी से काम ले रहा है पर कमजोर नहीं है। इस महापंचायत में 31 सदस्यों की एक समिति का भी गठन किया गया।
पुलिस महानिरीक्षक राहुल प्रकाश के कार्यालय में वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया गया है। बुधवार को महापड़ाव की अध्यक्षता हीरा सिंह ने की। पंचायत में महाराज सिंह कटारा, कैप्टन जयसिंह, शयाम नंगला बीजा, सुभाष मदेरणा, नरेश मदेरणा, गोविंद सिंह, ईश्वर सिंह, हरिओम, छात्र नेता राहुल उबार, धर्मेन्द्र सोलंकी, आरपी चौधरी, विजय चौधरी, पारश जटामासी, जयसिंह, विमला, बेबी, आशा फौजदार ने विचार रखे।
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दिल्ली की बैठक में हुआ था निर्णय
जाट समाज व राज्य व केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल की 13 फरवरी को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के समक्ष वार्ता हुई थी। इसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि 2017 में राज्य में आरक्षण मिलने के बाद कुछ न्यायिक की प्रक्रिया को पूरी किए बगैर आनन-फानन में ओबीसी में आरक्षण की स्वीकृति जारी कर दी गई थी। अब तथ्यों के आधार पर ही केंद्र सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। इसमें तय किया गया कि अगले चार-पांच दिन के अंदर रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी जाएगी। हालांकि बताया जाता है कि अभी रिपोर्ट भी नहीं सौंपी गई है।
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Credit : Rajasthan Patrika