जोधपुरPublished: Mar 18, 2024 12:08:49 am
– साले की हत्या के मामले में गिरफ्तारी से बचने व बीमा क्लेम उठाने के लिए घरवालों के साथ रची थी खुद की मौत की साजिश
– खलासी व एक अन्य को जिंदा जलाया था, दिल्ली क्राइम ब्रांच में पकड़े जाने पर खुला हत्या का राज
आरोपी नौसैनिक व चालक।
जोधपुर।
डांगियावास बाइपास पर बीस साल पहले ट्रक में आग से जिंदा जलने वाला पूर्व नौ सैनिक चालक जीवित निकला। साले की हत्या के मामले में जेल जाने से बचने और ट्रक का बीमा क्लेम उठाने के लिए उसने अपने घरवालों के साथ मिलकर खुद के जिंदा जलने की साजिश रची थी। धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली की क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में आने पर पूर्व नौसैनिक चालक से पूछताछ में साजिश का खुलासा हुआ। अब डांगियावास थाना पुलिस ने चालक व दस परिजन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया।
पुलिस के अनुसार एक मई 2004 की सुबह डांगियावास बाइपास गत्तों से भरे ट्रक में आग लग गई थी। चालक व खलासी जिंदा जल गए थे। दिल्ली में उत्तम नगर निवासी चन्द्रभान सोनी ने 2 मई को एक कंकाल की शिनाख्त अपने चालक पुत्र बालेश कुमार व दूसरे कंकाल की शिनाख्त खलासी के रूप में की थी। मर्ग दर्ज कर जांच की गई थी। पुलिस ने मृतक के पिता चन्द्रभान, भाई भीमसिंह, महेन्द्रसिंह व विशनलाल, पत्नी संतोष, साले निरंजन कुमार, सास मूर्तिदेवी, मृतक की भाभी प्रेम व अनीता व ससुर किशनचंद ने बयानों में बालेश के जिंदा जलने की पुष्टि की थी।
इस बीच, गत वर्ष 3 अक्टूबर को दिल्ली क्राइम ब्रांच के एएसआइ यशपालसिंह तोमर ने डांगियावास थाना पुलिस को एक पत्र भेजा। इसमें बालेश सोनी के 29 सितम्बर 2023 को दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार होने की सूचना दी थी। साथ ही यह भी अवगत करवाया था कि बालेश कुमार सोनी ने परिजन के साथ मिलकर बीस साल पहले अपने जिंदा जलने की साजिश रची थी। जबकि बालेश कुमार जीवित है।
इस पर जांच अधिकारी उप निरीक्षक मनोज कुमार दिल्ली पहुंचे, जहां बालेश कुमार से पूछताछ की। उसने परिजन के साथ मिलकर अपने जिंदा जलने की साजिश रचना स्वीकार किया। अब एसआइ मनोज कुमार की ओर से दिल्ली में नजफगढ़ निवासी बालेश कुमार सोनी, पिता चन्द्रपभान, भाई भीमसिंह, महेन्द्रसिंह, विशनलाल, पत्नी संतोष, साले निरंजन कुमार, सास मूर्तिदेवी, भाभी प्रेम व अनीता और ससुर किशनचंद के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। ट्रक में जिंदा जलने वाले चालक व खलासी का पता नहीं लग पाया है। बालेश अभी तिहाड़ जेल में बंद है। उसको प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया जाएगा। तब मृतकों का पता लग पाएगा।
मृत्यु प्रमाण पत्र लिया, पेंशन व क्लेम उठाया
बालेश की भाभी के साले से अवैध संबंध थे। इसका पता लगने पर बालेश व उसके भाई सुंदरलाल ने 20 अप्रेल 2004 को साले खुशीराम की हत्या कर दी गई थी। दिल्ली के बवाना थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया गया था। जांच में बालेश कुमार व भाई सुंदरलाल दोषी पाए गए थे। पुलिस ने सुंदरलाल को गिरफ्तार किया था। जो जेल में है। तब पुलिस ने सोचा कि हत्याकाण्ड में गिरफ्तारी से बचने के लिए बालेश ने आत्महत्या की अथवा हत्या कर दी गई थी। जिंदा जलने की पुष्टि करने के बाद पत्नी ने मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया था। पेंशन ओर ट्रक का बीमा क्लेम भी उठा लिया था।
नौसेना अर्दली से सेवानिवृत्त
पुलिस का कहना है कि बालेश कुमार नौ सेना में अर्दली था। वर्ष 1996 में सेवानिवृत्त हुआ था। फिर वह ट्रक चलाने लग गया था।
20 साल खुलासा : जिंदा जलने वाला ट्रक चालक जीवित है | 20 years on: Truck driver who was burnt alive is alive – New Update
Credit : Rajasthan Patrika