बच्चों और महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली लता सिंह, लता दीदी के नाम से जानी जाती हैं, जो विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर करीब 15 साल से अनाथ और गरीब बच्चों के लिए मुफ्त में भोजन उपलब्ध करवा रही हैं। लता ने राइट टू चॉइस के तहत ऑनर किलिंग के सर्वाइवर और विक्टिम के लिए एक फोरम स्थापित किया है, जिसमें वे पीडि़त लोगों की शादी कराने, उनके रहने की व्यवस्था के साथ उन्हें कानूनी और चिकित्सक सुविधा उपलब्ध करवाती हैं। लता ने ऐसे लोगों के लिए राजस्थान में सेफ हाउस उपलब्ध करवाने की मुहिम भी चला रखी है।
बेटे की जान तक की नहीं की परवाह
ऑनर किलिंग और बच्चों को रेस्क्यू करवाने के दौरान लता को काफी मुश्किलें भी उठानी पड़ी। उन्होंने बताया देह व्यापार के एक मामले में 50 से अधिक नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू कराने के दौरान उन्हें बेटे को मारने तक की धमकियां भी मिलीं। पर वे अपने मकसद पर डटी रहीं। यहां तक कि वे अपने बेटे के खिलौने और जरूरत का सामान भी अनाथ बच्चों के लिए ले जाती थीं।
हर कदम पर नई दुनिया देख
लता सिंह के अनुसार वे करीब 25 साल से चाइल्ड लाइफ वेलफेयर और राइट टू चॉइस पर काम कर रही हंै। इस दौरान उन्होंने हर कदम पर एक नई दुनिया देखी। उन्होंने बताया कि उन्हें अपनी इंटर कास्ट शादी को लेकर परिवार और समाज के गुस्से का सामना करना पड़ा। उनके पास न तो पैसा था न ही किसी का साथ। अपने केस के लिए छुपते-छुपाते मीलों दूर जाती थीं। वे कहती हैं कि अगर शिद्दत से किसी चीज को पाने का प्रयास किया जाए तो कुदरत भी सुनती है। इसी का परिणाम है 2007 में आया सुप्रीम कोर्ट का लता सिंह वर्सेज यू.पी गवर्नमेंट का फैसला। जिससेे आज हजारों शादीशुदा लोगों को लडऩे का हौसला मिला है।
घरेलू हिंसा पर काम : लता कहती हैं कि 2006 में अपने केस के दौरान ही उन्होंने घरेलू हिंसा का दंश झेल रही महिलाओं के लिए आवाज उठाई। उस समय उन्होंने सडक़ पर रहने वाले बच्चों को देखा और उनके लिए काम शुरू किया। उन्होंने बच्चों के लिए नशा मुक्ति और बैगर्स फ्री अभियान भी चलाया। साथ ही बच्चों को शिक्षा और रोजगार से भी जोड़ा।
Written By-VIjaya Sharmaहजारों बच्चों को रेस्क्यू करवाने वाली दीदी…लता सिंह
हजारों बच्चों को रेस्क्यू करवाने वाली दीदी…लता सिंह – New Update
Credit : Rajasthan Patrika