मजेदार बात है कि पंचायत ने जब आवास मंजूर किया तब के सरपंच ही अब नगर पालिका अध्यक्ष हैं, जो इस जमीन को सरकारी बता रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि जमीन सरकारी थी तो महिला को पीएम आवास योजना में मकान बनाने को क्यों दी गई? महिला का दिव्यांग बेटा बिजली कनेक्शन के लिए डेढ़ साल से पहले पंचायत और अब नगर पालिका के धक्के खा रहा है लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही। फिलहाल महिला अपने दिव्यांग बेटे के साथ नए मकान में बिना बिजली रह रही है।
रायपुर की भील बस्ती निवासी सुंदरदेवी पत्नी नाथू भील को वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास स्वीकृत हुआ। मकान का कार्य शुरू करने के बाद 1.20 लाख रुपए की राशि कार्य पूर्ण होने तक तीन किस्तों में महिला के बैंक खाते में आ गई।
अगस्त 2022 में सुंदर देवी परिवार के साथ नए घर में रहने लगी। मकान में बिजली के लिए फाइल तैयार कर सरपंच रामेश्वरलाल छीपा के पास पहुंचाई। पंचायत अब नगर पालिका बन गई और छीपा ही पालिका अध्यक्ष हैं। छीपा को कई बार फाइल पूर्ण करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा।
छीपा ने यह कहते हुए मना कर दिया कि पीएम आवास योजना में तुम्हारा मकान पंचायत की आबादी भूमि में नहीं बना है। मकान जिस जगह बना, वह जमीन सरकार है। इसमें नगर पालिका बिजली कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दे सकती है। दिलचस्प यह है कि आवास योजना में मकान मंजूर होते समय छीपा ही सरपंच थे।
कार्मिकों ने दी हरी झंडी, अब ये बोले
पंचायत कार्मिकों ने भूमि का जिओ टेग कर लाभार्थी को पीएम योजना में आवास बनाने के लिए जगह बताई थी। उसी जगह बनाए मकान को अब नगर पालिका यह कहते हुए कि यह जगह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसलिए हम अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दे सकते।
इनका कहना है
बिलानाम सरकारी भूमि पर प्रधानमंत्री आवास बन गया है। इसके लिए अब 500 रुपए के स्टांप पर क्षतिपूर्ति पत्र लाभार्थी से लिखवाया जाकर विद्युत कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
-रामेश्वरलाल छीपा, अध्यक्ष नगर पालिका, रायपुर
सुंदरदेवी का पीएम आवास मिलने का सपना अधूरा | Sunderdevi’s dream of getting PM’s residence unfulfilled – New Update
Credit : Rajasthan Patrika