गौरतलब है कि किसान कई दिनों से सर्मथन मूल्य पर सरसों बेचने की बांट देख रहे थे, जिसके लिए उन्होंने ई मित्रों के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कराया था, लेकिन विभाग की खरीद केन्द्रों पर टेण्डर प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण सरसों की खरीद प्रारम्भ नहीं हो पाई। अब कुछ किसान सरकारी खरीद में हो रही देरी और खरीद में औपचारिकता को देखते हुए फसलों की तुलाई आढत की दुकानों और मण्डियों में कर रहे हैं।
सरसों का सर्मथन मूल्य बाजार से ज्यादा, गेहूं के लगभग बराबर
इस बार सरसों के समर्थन मूल्य 5650 रुपए निर्धारित है, जो बाजार से करीब 450 रुपए ज्यादा है, जिसके कारण किसान इस बार सरकारी खरीद केन्द्रों पर सरसों का बेचान करने का रूझान बना रहा था। उन्होंने रजिस्टे्रशन भी कराया था, लेकिन खरीद शुरू न होने से उसके हाथ मायूसी लगी है। इसी प्रकार गेहूं का सर्मथन मूल्य सरकार की ओर से 2400 रुपएनिर्धारित किया है, जो बाजार और मण्डियों के लगभग बराबर है, जिसके कारण किसान गेहूं का बेचान करने में रुचि कम दिखा रहा है। इसके अलावा अभी गेहूं की कटाई भी पूरी तरह से नहीं हो पाई है।
सरसों, चने के 26 और गेहूं के 6 खरीद केन्द्र स्थापित अधिकारियों की माने तो सरसों और चना खरीद के 26 खरीद केन्द्र स्थापित है, जहां पर हैण्डलिंग और ट्रांसपोटेशन के टेण्डर होने थे, जो नहीं हो पाए है। इसके अलावा गेहूं की फसल खरीद के लिए जिले में 6 खरीद केन्द्रों की स्थापना की गई है, जिसमें से 2 केन्द्रों के टेण्डर की प्रक्रिया पूरी हो गई है, लेकिन किसानों के अभी बहुत कम रजिस्ट्रेशन हुआ है।
खरीद का काम चालू नहीं हो पाया
सरसों और चने के सरकारी खरीद केन्द्रों पर हैण्डलिंग और ट्रांसपोटेशन टेण्डर की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई है, जिसके कारण सरकारी केन्द्रों पर खरीद का काम चालू नहीं हो पाया है। जल्द टेण्डर प्रक्रिया कर खरीद केन्द्रों पर सरकारी सर्मथन मूल्य पर खरीद प्रारम्भ की जायेगी।
गुलाब मीणा डिप्टी रजिस्ट्ररार काे-ऑपरेटिव सोसायटी।
सरकारी खरीद में ढिलाई, मण्डी और आढ़त पर हो रही फसलों की तुलाई….पढ़ें यह न्यूज | Laxity in government procurement, weighing of crops at Mandi and commi – New Update
Credit : Rajasthan Patrika