इस तरह बनाए गए जिला प्रमुख
प्रदेश में 5 साल में सरकार बदल जाती है। 24 साल में 3 बार भाजपा काबिज रही है लेकिन जिला परिषद में पार्टी अपना प्रमुख नहीं बना सकी। भाजपा का अंतिम बार जिला प्रमुख वर्ष 2000 में बना था। डॉ. किरण यादव कुर्सी पर बैठी थीं। इनके बाद वर्ष 2005 में कांग्रेस से टीकाराम जूली जिला प्रमुख बने। उन्होंने भाजपा के लीलाराम मेघवाल को चुनाव हराया। 2008 में उन्होंने विधायक बनने पर पद से इस्तीफा दिया तो उपचुनाव में भी कांग्रेस ने ही जीत दर्ज की। रामलाल वर्मा जिला प्रमुख बने। वर्ष 2010 में कांग्रेस की सफिया खान जिला प्रमुख बनी। उन्होंने भाजपा की पूजा यादव को चुनाव हराया था। वर्ष 2015 में कांग्रेस की रेखा राजू यादव जिला प्रमुख बनीं। उन्होंने एक वोट से भाजपा की अनुराधा शेखावत को हराया था। जनवरी 2020 से अक्टूबर 2021 तक कोरोना कल में जिला प्रमुख के चुनाव नहीं हुए। अक्टूबर 2021 में हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी के बलबीर ङ्क्षसह छिल्लर जिला प्रमुख बने। उन्होंने भाजपा के रामवीर शाहबादी को चुनाव हराया था। अब छिल्लर भाजपा में आ गए।
भाजपा खत्म कर सकती है सूखा
24 साल से जिला परिषद की राजनीति से बाहर चल रही भाजपा इस लोकसभा चुनाव के बाद अपने 24 साल के वनवास को खत्म कर सकती है। अभी जिला प्रमुख का कार्यकाल लगभग 30 महीने बचा है। इस दौरान भाजपा कोई बड़ा उलटफेर कर सकती है। इतना ही नहीं कांग्रेस भी यहां नजर जमाई बैठी है। क्योंकि हाल ही में जिला प्रमुख बलवीर ङ्क्षसह छिल्लर भाजपा में शामिल हुए हैं। वर्तमान में यहां कांग्रेस का बोर्ड है और 49 में से करीब 27 पार्षद कांग्रेस पार्टी के हैं। वहीं नए जिले बनने के बाद अलवर के हिस्से में 26 पार्षद आए हैं।
लोस चुनाव के बाद जिला परिषद में हो सकता है तख्तापलट | There may be a coup in the Zilla Parishad after the Lok Sabha election – New Update
Credit : Rajasthan Patrika