भिवाड़ी. चौपानकी और पथरेड़ी क्षेत्र में घरों से निकलकर नालों के जरिए खाली भूखंडों में एकत्रित होने वाले प्रदूषित जल निस्तारण के लिए छह एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण होना था। जुलाई 2022 में इसकी डीपीआर भी तैयार हो गई। बीडा ने इसका प्रस्ताव भी शासन को भेज दिया। करीब 21 महीने बाद भी इस योजना को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका है। जबकि लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। क्षेत्र में जलभराव की समस्या है। भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में जलभराव चुनावी मुद्दा बना हुआ है लेकिन प्रस्तावित योजना को लेकर भी जन प्रतिनिधियों ने कोई आवाज बुलंद नहीं की है।
औद्योगिक संगठनों ने इस समस्या को उठाया था। क्योंकि कहरानी चौपानकी पथरेड़ी में औद्योगिक क्षेत्र होने की वजह से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर रहते हैं। औद्योगिक क्षेत्र के बीच में स्थित गांव का भी विस्तार हो गया है। इनके सीवरेज का अभी तक कोई उचित निस्तारण नहीं है। अभी तक क्षेत्र में जो खाली जमीन हैं उन पर ही पानी का जमाव होता रहता है। खाली भूखंड में निर्माण होने पर समस्या पैदा होती जिसके निराकरण के लिए यहां एसटीपी की जरूरत थी। उक्त समस्या को देखते हुए बीडा ने यहां पर एसटीपी के निर्माण को लेकर डीपीआर तैयार कराई। डीपीआर के अनुसार प्रोजेक्ट पर करीब 10 करोड़ रुपए की लागत आनी थी।
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समस्या रखी पर समाधान नहीं हुआ
उद्योग संगठन बीसीसीआई अध्यक्ष रामनारायण चौधरी ने क्षेत्र में एसटीपी निर्माण का प्रस्ताव रखा था। अधिकारियों को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराया था। बताया था कि चौपानकी और पथरेड़ी के नालों में आसपास के गांव का पानी एकत्रित होकर आता है। दूषित पानी के शोधन के लिए अभी तक क्षेत्र में कोई इंतजाम नहीं है। भविष्य को ध्यान में रखते हुए यहां एसटीपी का निर्माण कराया जाए। दूषित पानी के शोधन के लिए दो एमएलडी क्षमता के तीन एसटीपी की जरूरत है। जिसके बाद बीडा द्वारा डीपीआर बनाकर शासन को भेजी गई है।
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शासन से नहीं हो सका निर्णय
बीडा द्वारा रीको और नगर परिषद की सहभागिता के आधार पर डीपीआर शासन को भेजी गई है। डीपीआर के तहत छह एमएलएडी का एक एसटीपी या दो एमएलडी के तीन एसटीपी निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है। जिसके निर्माण में करीब 10 करोड़ रुपए की राशि चाहिए। जमीन और फंड की व्यवस्था कैसे होगी, भविष्य में संचालन कौन करेगा। इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। रीको के पास उस क्षेत्र में जमीन है, अधिकार क्षेत्र नगर परिषद और बीडा का है। बीडा के पास वहां जमीन नहीं है। जिनका पानी आ रहा है वह रीको औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी और व्यावसायिक गतिविधि वाले हैं।
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डीपीआर राज्य सरकार को भेजी गई है, वहां से स्वीकृति के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। अशोक मदान, एक्सईएन, बीडा
चौपानकी पथरेड़ी सीवरेज प्रोजेक्ट डीपीआर के बाद अधर में लटका – New Update
Credit : Rajasthan Patrika