ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण होने में पेच
– वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया में देरी
हनुमानगढ़. ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले सरकारी पाठशालाओं को व्याख्याता मिलने में संशय है। वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया में विलम्ब के चलते यह स्थिति बन गई है। शिक्षा विभाग में तकरीबन दस हजार शिक्षकों को पदोन्नति देकर व्याख्याता बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
जानकारों की माने तो कई जिलों में शिक्षा अधिकारियों की सुस्ती के चलते समय पर सूचना नहीं भेजने के कारण डीपीसी में विलम्ब हो रहा है। कई बार आदेश के बावजूद संयुक्त निदेशकों ने समय पर निदेशालय को डीपीसी की सूचना नहीं भेजी थी। सूचना 31 मार्च से पहले भेजनी थी जो अपे्रल में भिजवाई गई। गौरतलब है कि संयुक्त शिक्षा निदेशकों को दिए गए आदेश में कहा गया था कि स्कूल शिक्षा के विभिन्न विषयों के प्राध्यापकों की वर्ष 2021-22 से 2023-24 की डीपीसी के लिए अस्थाई पात्रता सूची जारी की थी। इसके बाद 14 मार्च तक आपत्तियां मंगाकर रजिस्टर संधारित करने के निर्देश दिए थे। संयुक्त निदेशक को अपनी पूर्ण तथ्यात्मक टिप्पणी अंकित कर योग्य सभी आपत्तियों को 21 मार्च को अनिवार्यत: भेजने को कहा गया था जो नहीं भेजी गई। बाद में अप्रेल के प्रारंभ में उक्त सूचना भेजी गई।
इधर फिर भी नहीं मिलेंगे
डीपीसी प्रक्रिया के बावजूद क्रमोन्नत विद्यालयों के विद्यार्थियों को व्याख्याता नहीं मिल सकेंगे। क्योंकि अब तक क्रमोन्नत विद्यालयों में क्रमोन्नति को महीनों गुजरने के बाद भी विद्यालयों में व्याख्याताओं के पद मंजूर नहीं किए गए हैं। ऐसे में पदोन्नति से दस हजार व्याख्याता बनने के बावजूद क्रमोन्नत विद्यालय उनसे वंचित ही रहेंगे।
निरंतर प्रतीक्षा
पिछले तीन वर्षों में क्रमोन्नत किए गए विद्यालयों में व्याख्याता पदों की मंजूरी नहीं दी गई है। वर्ष 2021, 2022 तथा 2023 में क्रमोन्नत विद्यालय व्याख्याता पदों की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं। इन तीन वर्षों में राज्य सरकार ने प्रदेश भर में करीब छह हजार विद्यालयों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नति दी थी। एक क्रमोन्नत विद्यालय में तीन व्याख्याता के हिसाब से 6 हजार विद्यालयों में 18 हजार व्याख्याता पदों की स्वीकृति का इंतजार है।
समय पर हो प्रक्रिया पूर्ण
राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा के प्रदेश प्रवक्ता बसन्त कुमार ज्याणी कहते हैं कि संयुक्त निदेशक कार्यालयों से समय पर सूचना नहीं भेजे जाने के कारण मार्च में स्थायी पात्रता सूची जारी नहीं हो पाई थी। ऐसे में ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले समय पर डीपीसी होने में संशय है। साथ ही प्रति वर्ष एक अप्रेल को डीपीसी की तिथि प्रस्तावित होने के कारण आगामी चौथे सत्र 2024-25 की डीपीसी भी लंबित हो गई है। अधिकांश स्कूलों में रिक्त चल रहे व्याख्याता पदों के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। साथ ही क्रमोन्नत विद्यालयों में व्याख्याता पदों की स्वीकृति भी 31 मार्च से पहले जारी की जाए ताकि व्याख्याता विहीन चल रहे क्रमोन्नत स्कूलों को भी व्याख्याता मिल सके।
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Credit : Rajasthan Patrika