किसान इन रोग को अपनी भाषा में उगाला रोग कहते हैं। उखटा रोग लगने से पौधे की पत्तिया पीली पड़ रही है। कुछ दिन बाद पौधा पूरी तरह सूख जाता है। किसानों ने बताया कि क्षेत्र के कई गांवों में 40 प्रतिशत फसल नष्ट हो चुकी है। इसके कारण किसानों की नींद हो गई है।
फसल गिरदावरी करवाने की मांग किसानों ने बताया कि कस्बे समेत आवड़ा, नगर, सूरसागर, सैलसागर, मलिकपुर, किरावल, बरोल, कचौलिया, गुलाबपुरा, पारली इत्यादि गांवों में उखटा रोग का प्रकोप होने से किसान ङ्क्षचता में डूब गए है। चने में रोग लगने से हरे-भरे खेत सूखे दिखाई देने लगे है। चने की फसल खेतों में ही सूखकर नष्ट हो चुकी है।किसानों ने इन क्षेत्रों में फसल की विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलाने की मांग की है।
किसानों पर बढ़ा आर्थिक बोझ किसानों ने बताया कि बाजार से महंगी कीटनाशक लाकर छिडक़ाव करने पर भी कोई राहत नहीं मिल रही है।जबकि चने की बुवाई में लागत अधिक आती है। महंगे दामों पर बीच मिलता है। इसके बाद कीटनाशक, खाद आदि में भी काफी रुपए खर्च होते हैं। ऐसे में यदि रोग लग जाए तो किसानों के सामने मुनाफा तो दूर लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है।
किसानों में बढ़ी चिंता, चने में रोग लगने से मुरझा रही फसल | The crop is withering due to disease in gram. – New Update
Credit : Rajasthan Patrika