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किसान व सरपंच ङ्क्षगदराज मीणा के अनुसार मुनाफा कास्त करने वाले किसानो के एक बीघा लहसुन फसल में खाद, बीज, हंकाई, जुताई, दवाइयां 6 से 7 ङ्क्षसचाई, निराई, गुड़ाई, कटाई सहित अन्य कार्यो में करीब 25000 रुपये की लागत आ जाती है। जबकि इस बार अधिकांश किसानों के लहसुन की गांठे भी छोटी यानी पर्याप्त मोटाई की नहीं हो पाई है। इस कारण फसलोत्पादन भी प्रभावित हुआ है। इसके बाद भी एक बीघा में करीब 10 ङ्क्षक्वटल लहसुन निकल रहा है। इस बार कृषि उपज मंडी में उचित भाव 10000 रुपये प्रति ङ्क्षक्वटल के हिसाब से बिक रहा है। एक बीघा लहनुन की फसल करीब 100000 रुपए की बैठ रही है। हालांकि इस बार उत्पादन कम निकल रहा है तो उचित भाव मिल रहा है। इस कारण किसानों में हर्ष की लहर है।

इस बार सरसों ने किसानों को रुलाया इस बार रबी की फसल सरसों किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हुई है। किसानों ने बताया कि सरसों फसल पर एक बीघा में करीब 15000 रुपये की लागत आई है। जबकि कृषि उपज मंडी में बेचने व भाव कम रहने के कारण करीब 9000 रुपये की फसल बैठ पा रही है। ऐसे में इस बार सरसों फसल किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है।

दिनभर रहती है खेतों में चहल, पहल किसान लहसुन की फसल को खेत से घर लाने के बाद श्रमिकों से लहसुन की कटाई करवा रहे हैं। इससे घरों पर दिन भर खासी चहल पहल बनी रहती है तो कई किसान जगह की तंगी होने के कारण बाड़े या खेत में ही श्रमिकों से लहसून की कटाई करवा रहे है। इस बार मंडी में उचित भाव मिलने के कारण किसान भी यथा शीघ्र मंडी में लहसुन फसल बेच रहे हैं।



लहसुन से किसानों की बल्ले-बल्ले, सरसों ने किया मायूस | Garlic, farmers, mustard disappointed, yield, prices higher than – New Update

Credit : Rajasthan Patrika

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